Govt Employees Retirement Age: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हाल ही में एक सनसनीखेज खबर ने केंद्रीय कर्मचारियों और सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं के बीच हलचल मचा दी। एक कथित सरकारी नोटिस तेजी से वायरल हुआ, जिसमें यह भ्रामक दावा किया गया था कि केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु (Retirement Age) को मौजूदा 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष करने का निर्णय लिया है। इस फर्जी नोटिस में यहाँ तक दावा किया गया था कि यह नया नियम 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगा। इस अटकलबाजी और अनिश्चितता के माहौल को खत्म करते हुए, अब केंद्र सरकार की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने आई है, जिसने सभी संदेहों पर विराम लगा दिया है।
केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह, ने इस पूरे मामले पर अपनी बात रखी है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि सरकार ने न तो इस तरह की कोई अधिसूचना जारी की है और न ही केंद्रीय कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु में किसी भी प्रकार के बदलाव का कोई प्रस्ताव वर्तमान में सरकार के विचार में है। मंत्रालय की ओर से यह आधिकारिक रूप से कहा गया है कि सोशल मीडिया पर चल रही यह खबर पूरी तरह से फर्जी (Fake Notice) और आधारहीन है।
सेवानिवृत्ति आयु पर केंद्र सरकार की वर्तमान नीति
पिछले कुछ हफ्तों से, विभिन्न वेबसाइटों, मैसेजिंग प्लेटफॉर्मों और सोशल मीडिया पोस्ट्स पर यह चर्चा जंगल की आग की तरह फैल रही थी कि सरकार जल्द ही केंद्रीय कर्मचारियों की सेवा अवधि को 62 वर्ष तक कर देगी। इस अफवाह ने न केवल कार्यरत कर्मचारियों के बीच भ्रम पैदा किया, जो अपनी सेवानिवृत्ति की योजना बना रहे थे, बल्कि उन लाखों युवाओं को भी चिंता में डाल दिया, जो सरकारी नौकरियों के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। यदि सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाई जाती है, तो नई भर्तियों की संख्या पर सीधा असर पड़ना स्वाभाविक है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने आधिकारिक बयान में इस बात को दोहराया है कि केंद्रीय कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु विभिन्न विभागों और पदों के अनुसार पहले से ही निर्धारित है, और वर्तमान में यह 60 वर्ष ही बनी हुई है। उन्होंने साफ किया कि मंत्रालय को इस संबंध में कोई नया या औपचारिक प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है, और इसलिए, सेवा नियमों में किसी भी तरह के बदलाव की कोई योजना नहीं है। सरकार का यह कदम पारदर्शिता को दर्शाता है और यह सुनिश्चित करता है कि कर्मचारी केवल आधिकारिक स्रोतों पर ही भरोसा करें।
स्पष्टीकरण
सरकार ने एक और महत्वपूर्ण आशंका को भी दूर किया है, जो कर्मचारियों और नौकरी के उम्मीदवारों के बीच व्याप्त थी। यह अफवाह फैल रही थी कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों के खाली होने वाले पदों को सरकार समाप्त कर सकती है या उन पर रोक लगा सकती है। मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर स्पष्ट किया है कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों के खाली पदों को समाप्त करने की कोई योजना नहीं है। इसका सीधा अर्थ है कि सरकार नई भर्तियों पर कोई रोक नहीं लगा रही है और न ही रिक्त पदों को खत्म कर रही है। यह घोषणा उन युवा उम्मीदवारों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है जो सरकारी नौकरी के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
यह जानना महत्वपूर्ण है कि सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने की मांग पूरी तरह से नई नहीं है। कर्मचारी संगठनों ने समय-समय पर केंद्र सरकार के समक्ष यह मुद्दा उठाया है। उनका मुख्य तर्क दो प्रमुख बिंदुओं पर आधारित है। पहला, उनका मानना है कि वर्तमान में देश में औसत जीवन प्रत्याशा (Life Expectancy) में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। चिकित्सा विज्ञान और बेहतर जीवनशैली के कारण, 60 वर्ष की आयु में भी अधिकांश केंद्रीय कर्मचारी शारीरिक और मानसिक रूप से पूर्ण रूप से स्वस्थ और कार्य करने में सक्षम होते हैं। इस स्थिति में, उनकी सेवा का अनुभव देश के लिए अमूल्य हो सकता है।
दूसरा, कर्मचारी संगठनों का एक महत्वपूर्ण वित्तीय तर्क भी है। उनका मानना है कि सेवानिवृत्ति आयु को 62 वर्ष तक बढ़ाने से सरकार पर अल्पकालिक रूप से पेंशन का वित्तीय भार कुछ हद तक कम हो सकता है। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि कर्मचारी अधिक समय तक वेतनभोगी रहेंगे और पेंशन का भुगतान दो साल के लिए स्थगित हो जाएगा। हालांकि, इस तर्क के अपने प्रति-तर्क भी हैं, जैसे कि नई भर्तियों के अवसर का रुकना और युवा कर्मचारियों की पदोन्नति की गति पर प्रभाव पड़ना।
इन मांगों और तर्कों के बावजूद, सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस विषय पर राष्ट्रीय परिषद (National Council) की ओर से कोई औपचारिक प्रस्ताव या किसी भी प्रमुख कर्मचारी संगठन की ओर से औपचारिक सुझाव प्राप्त नहीं हुआ है। इसका मतलब है कि निकट भविष्य में इस नीति में बदलाव की कोई सक्रिय योजना नहीं है। जब सरकार से भविष्य में रिटायरमेंट आयु बढ़ाने की संभावना के बारे में पूछा गया, तो मंत्रालय ने कहा कि यद्यपि वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है, फिर भी नीतिगत निर्णयों की समीक्षा भविष्य की आर्थिक, जनसांख्यिकीय और प्रशासनिक आवश्यकताओं के अनुसार संभव हो सकती है।
विशिष्ट विभागों में सेवानिवृत्ति के नियम और कर्मचारियों के लिए मार्गदर्शन
यह ध्यान देने योग्य है कि केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ‘सेवानिवृत्ति की आयु’ के संबंध में एकरूपता होने के बावजूद, विभिन्न विभागों और पदों के लिए नियम अलग-अलग हो सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, रक्षा सेवाओं के कुछ विशिष्ट पदों, वैज्ञानिक अनुसंधान संगठनों, तकनीकी विशेषज्ञता वाले विभागों, और न्यायिक सेवाओं में सेवानिवृत्ति की अधिकतम आयु सामान्य 60 वर्ष से अधिक निर्धारित की जा सकती है। यह विशिष्टता उन पदों की प्रकृति, वहाँ आवश्यक विशेषज्ञता के स्तर, और उस क्षेत्र में कार्यबल की कमी को देखते हुए तय की जाती है।
इसलिए, सभी कर्मचारियों को सलाह दी जाती है कि वे सोशल मीडिया पर चल रहे भ्रामक संदेशों पर भरोसा न करें। प्रत्येक कर्मचारी को अपने संबंधित विभाग के कार्मिक अनुभाग (Personnel Section) या आधिकारिक वेबसाइट से ही अपने पद और विभाग से संबंधित सटीक सेवानिवृत्ति नियमों की जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। यह सुनिश्चित करेगा कि वे किसी भी भ्रम से बचें और अपनी पेशेवर और व्यक्तिगत योजनाओं को सही जानकारी के आधार पर बना सकें।
इसके अलावा, सरकार ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (Voluntary Retirement) के प्रावधानों को भी बनाए रखा है। यदि कोई कर्मचारी अपनी सेवा अवधि पूरी होने से पहले ही सेवानिवृत्ति लेना चाहता है, तो उसके लिए कुछ विशेष नियम और मापदंड तय किए गए हैं। इन निर्धारित शर्तों और सेवा अवधि को पूरा करने पर, कर्मचारी नियमानुसार स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले सकता है।
संक्षेप में, यह स्पष्ट है कि सोशल मीडिया पर केंद्रीय कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु को 60 से 62 वर्ष करने की खबरें पूरी तरह से झूठी और भ्रामक हैं। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के आधिकारिक बयान ने इस मामले में अंतिम स्पष्टीकरण दे दिया है। कर्मचारियों की वर्तमान सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष ही रहेगी, और इस संबंध में सरकार के पास कोई नया प्रस्ताव लंबित नहीं है। साथ ही, सरकार सेवानिवृत्त कर्मचारियों के पदों को समाप्त करने या नई भर्तियों पर रोक लगाने की कोई योजना नहीं बना रही है।