Jaisalmer Bus Fire News: जैसलमेर बस हादसे में 20 की दर्दनाक मौत, मौके पर पहुंचे CM भजनलाल, डीएनए जांच से होगी पहचान

Jaisalmer Bus Fire News: राजस्थान के जैसलमेर जिले में मंगलवार दोपहर एक दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया। जैसलमेर से जोधपुर जा रही एक निजी बस अचानक आग की चपेट में आ गई, जिससे 20 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। यह हादसा इतना भीषण था कि बस पूरी तरह जलकर खाक हो गई। आग लगने के तुरंत बाद राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया, लेकिन तब तक कई यात्रियों की जान जा चुकी थी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।

दोपहर 3 बजे हुआ दर्दनाक हादसा, बस में अचानक लगी भीषण आग

मिली जानकारी के अनुसार, यह हादसा मंगलवार दोपहर करीब 3 बजे जोधपुर रोड पर थईयात गांव के पास हुआ। निजी बस (RJ 09 PA 8040) जैसलमेर से जोधपुर की ओर जा रही थी, जिसमें लगभग 55 से अधिक यात्री सवार थे। जैसे ही बस वार म्यूजियम के पास पहुंची, अचानक उसके पिछले हिस्से से धुआं निकलने लगा।

Jaisalmer Bus Fire News

चालक ने बस को सड़क किनारे रोकने की कोशिश की, लेकिन कुछ ही क्षणों में आग इतनी तेजी से फैल गई कि पूरा वाहन आग के गोले में बदल गया। यात्रियों में चीख-पुकार मच गई और कई लोग खिड़कियों से बाहर कूदकर अपनी जान बचाने की कोशिश करते रहे। राहगीरों और स्थानीय लोगों ने तुरंत दमकल विभाग व पुलिस को सूचना दी।

दमकल की टीम के पहुंचने तक बस पूरी तरह जल चुकी थी। बताया जा रहा है कि कई यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि दर्जनों लोग गंभीर रूप से झुलस गए। राहत दल ने घायलों को जैसलमेर के जवाहर अस्पताल पहुंचाया, वहीं गंभीर रूप से घायल करीब 16 लोगों को ग्रीन कॉरिडोर के ज़रिए जोधपुर रेफर किया गया।

20 लोगों की मौत, डीएनए जांच से होगी पहचान

जैसलमेर पुलिस और प्रशासन के मुताबिक, बस से 19 शव बरामद किए गए, जबकि एक यात्री की मौत अस्पताल में इलाज के दौरान हुई। मृतकों में 3 बच्चे भी शामिल होने की आशंका जताई जा रही है। आग की वजह से शवों की पहचान मुश्किल हो गई है, इसलिए सभी के डीएनए सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं।

पोकरण विधायक महंत प्रतापपुरी ने बताया कि घटना बेहद हृदयविदारक है। उन्होंने कहा, “डीएनए जांच के बाद मृतकों की पहचान सुनिश्चित की जाएगी। सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को सहायता दी जाएगी।”

विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “जैसलमेर बस हादसे में घायल यात्रियों को ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से जोधपुर लाया जा रहा है। जोधपुर के युवाओं से अनुरोध है कि संभावित रक्त आवश्यकता को देखते हुए आगे आएं और रक्तदान करें।”

इस घटना के बाद जिला प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है ताकि घायलों और मृतकों के परिजन तुरंत जानकारी प्राप्त कर सकें। हादसे के कारण पूरे क्षेत्र में मातम का माहौल है।

घटनास्थल पर पहुंचे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, दिए राहत के निर्देश

घटना की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा विशेष विमान से जैसलमेर पहुंचे। उनके साथ चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर भी थे। एयरपोर्ट से सीधे मुख्यमंत्री ने घटना स्थल का दौरा किया और राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की।

सीएम ने कहा कि हादसा अत्यंत दुखद है और सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि घायलों के इलाज में कोई भी लापरवाही नहीं होनी चाहिए और हर संभव मदद तुरंत उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री ने बाद में जोधपुर अस्पताल पहुंचकर गंभीर रूप से झुलसे यात्रियों से मुलाकात की और डॉक्टरों से उनका स्वास्थ्य अपडेट लिया।

जैसलमेर के कलेक्टर प्रताप सिंह ने बताया कि हादसे का कारण संभवतः बस के इंजन हिस्से में तकनीकी खराबी हो सकती है। प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट की आशंका जताई गई है। फिलहाल फॉरेंसिक टीम मौके पर मौजूद है और जांच जारी है।

पूरा प्रदेश शोक में, नेताओं ने जताया दुख

इस दर्दनाक घटना पर कई राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने गहरा दुख जताया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, टीकाराम जूली, महंत प्रतापपुरी, रविंद्र सिंह भाटी सहित कई नेताओं ने मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। घटना के बाद सोशल मीडिया पर भी लोगों ने अपनी संवेदनाएँ व्यक्त कीं।

राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने और घायलों के इलाज का पूरा खर्च उठाने की घोषणा की है। प्रशासन ने कहा है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।

जैसलमेर-जोधपुर राजमार्ग पर हुआ यह हादसा राजस्थान के हालिया इतिहास की सबसे भीषण बस दुर्घटनाओं में से एक है। बस में बैठे अधिकांश यात्री अपने गंतव्य तक पहुंचने से पहले ही हादसे का शिकार हो गए। फिलहाल राहत और पहचान प्रक्रिया जारी है, जबकि प्रदेशभर में शोक और संवेदना का माहौल है।

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