Primary Teacher NTT Course: देश में प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने और प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी को पूरा करने के उद्देश्य से एनटीटी कोर्स (Nursery Teacher Training) को करीब 15 साल बाद फिर से शुरू किया गया है। यह कोर्स उन अभ्यर्थियों के लिए एक शानदार अवसर है, जो छोटे बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा में योगदान देना चाहते हैं। इस कोर्स का नाम अब बदलकर डिप्लोमा इन प्री-स्कूल एजुकेशन (DPSE) कर दिया गया है।
राज्य सरकार ने इसकी औपचारिक तैयारी पूरी कर ली है और प्रदेश के 34 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (DIETs) में इसे शुरू करने के आदेश जारी किए गए हैं। इस दो वर्षीय कोर्स के पूरा होने के बाद उम्मीदवारों को शिक्षक बनने के लिए बीएड करने की आवश्यकता नहीं होगी। यह निर्णय नई शिक्षा नीति (NEP) के अनुरूप है, जो प्रारंभिक शिक्षा को अधिक व्यावहारिक और खेल-आधारित बनाना चाहती है।
NTT Course क्या है और इसका उद्देश्य
एनटीटी यानी नर्सरी टीचर ट्रेनिंग एक पेशेवर प्रशिक्षण कोर्स है जो उन युवाओं के लिए बनाया गया है जो नर्सरी, किंडरगार्टन और प्राथमिक स्तर पर पढ़ाने में रुचि रखते हैं। यह कोर्स छोटे बच्चों की विकासात्मक जरूरतों को समझने और उन्हें उचित शिक्षण पद्धतियों से जोड़ने पर केंद्रित होता है।
एनटीटी कोर्स का मुख्य उद्देश्य ऐसे शिक्षकों को तैयार करना है जो न केवल विषय पढ़ाने में सक्षम हों, बल्कि बच्चों की मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक वृद्धि में भी सहायक बनें। प्रशिक्षण के दौरान अभ्यर्थियों को खेल, संगीत, कला और कहानी कहने जैसी गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को सीखने के लिए प्रेरित करने के तरीके सिखाए जाते हैं।
राज्य सरकार का मानना है कि शुरुआती शिक्षा ही बच्चे के भविष्य की नींव होती है। इसलिए शिक्षक का प्रशिक्षित और संवेदनशील होना अत्यंत आवश्यक है। यही कारण है कि लंबे अंतराल के बाद इस कोर्स को फिर से शुरू किया गया है ताकि महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों और पीएम श्री विद्यालयों में प्री-प्राइमरी और प्राथमिक स्तर पर योग्य शिक्षक उपलब्ध हो सकें।
NTT Course दोबारा शुरू करने की आवश्यकता क्यों पड़ी
साल 2010 के बाद राज्य में एनटीटी कोर्स बंद कर दिया गया था। उस समय तीसरे ग्रेड शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन तो लिए गए थे, लेकिन बाद में सरकार ने सभी संस्थानों की मान्यता रद्द कर दी थी। इसके कारण इस क्षेत्र में योग्य शिक्षकों की भारी कमी हो गई।
पिछले कुछ वर्षों में राज्य में अंग्रेजी माध्यम के सरकारी विद्यालयों की संख्या में वृद्धि हुई है। नई शिक्षा नीति 2020 के तहत तीन वर्ष के प्री-प्राइमरी शिक्षा चरण की शुरुआत की गई, लेकिन प्रशिक्षित शिक्षकों के अभाव में इसे प्रभावी ढंग से लागू नहीं किया जा सका।
इसी समस्या को दूर करने के लिए सरकार ने एनटीटी कोर्स को पुनः प्रारंभ करने का निर्णय लिया। अब यह कोर्स आधुनिक शिक्षण तकनीकों, डिजिटल लर्निंग और बाल मनोविज्ञान पर आधारित पाठ्यक्रम के साथ संचालित किया जाएगा। इससे न केवल शिक्षक अधिक कुशल बनेंगे, बल्कि बच्चों के सर्वांगीण विकास में भी सुधार देखने को मिलेगा।
इसके अलावा, इस कोर्स के माध्यम से शिक्षकों को शुरुआती कक्षाओं में खेल-आधारित शिक्षा (Play-Based Learning) और गतिविधि-आधारित शिक्षण (Activity-Based Learning) को अपनाने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि बच्चे सहज रूप से सीखने की प्रक्रिया में भाग ले सकें।
NTT Course की पात्रता, अवधि और पाठ्यक्रम
इस कोर्स में प्रवेश के लिए उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं कक्षा में न्यूनतम 50% अंकों के साथ उत्तीर्ण होना आवश्यक है। साथ ही, अभ्यर्थी की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
यह कोर्स दो वर्ष की अवधि का होता है और इसे पूरा करने के बाद उम्मीदवार सीधे प्राइमरी या प्री-प्राइमरी स्कूलों में शिक्षण के लिए पात्र हो जाता है। इसके बाद बीएड की आवश्यकता नहीं रहती।
एनटीटी कोर्स का पाठ्यक्रम निम्नानुसार है:
- बाल विकास और शिक्षण के सिद्धांत
- प्रारंभिक शिक्षा का इतिहास और दर्शन
- शिक्षण तकनीक और कक्षा प्रबंधन
- भाषा और साक्षरता विकास
- गणितीय व संज्ञानात्मक अवधारणाएँ
- पर्यावरण अध्ययन
- बाल स्वास्थ्य, पोषण और स्वच्छता
- बाल मनोविज्ञान और मूल्यांकन पद्धति
- अभिभावक-शिक्षक संबंध व संवाद कौशल
यह पूरा पाठ्यक्रम बच्चों की उम्र, रुचि और सीखने की क्षमता को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। प्रशिक्षण के दौरान शिक्षक प्रशिक्षुओं को बाल-अनुकूल शिक्षण माहौल तैयार करने, कहानी सुनाने की कला, और बच्चों के व्यवहार का अवलोकन करने की तकनीकें भी सिखाई जाती हैं।
NTT कोर्स का महत्व और भविष्य की संभावनाएं
एनटीटी कोर्स फिर से शुरू होने से शिक्षा के क्षेत्र में नए अवसरों के द्वार खुलेंगे। इससे न केवल युवाओं को रोजगार मिलेगा बल्कि प्री-प्राइमरी शिक्षा प्रणाली को भी मजबूती मिलेगी।
आज के समय में बच्चे की सीखने की नींव 3 से 6 वर्ष की उम्र में पड़ती है। इस दौरान प्रशिक्षित शिक्षक का मार्गदर्शन उसके जीवन की दिशा तय कर सकता है। एनटीटी कोर्स पूरा करने वाले शिक्षक बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक सभी कौशलों से सुसज्जित होते हैं।
राज्य सरकार द्वारा इस कोर्स को पुनः प्रारंभ करना एक सराहनीय कदम है क्योंकि इससे हजारों युवाओं को प्राथमिक शिक्षक बनने का सुनहरा अवसर मिलेगा। भविष्य में सरकार इन शिक्षकों की नियुक्ति थर्ड ग्रेड टीचर भर्ती के तहत करने की योजना भी बना रही है।
एनटीटी या डिप्लोमा इन प्री-स्कूल एजुकेशन कोर्स का पुनः प्रारंभ होना न केवल शिक्षण के क्षेत्र में नई ऊर्जा लेकर आया है बल्कि छोटे बच्चों के भविष्य को भी नई दिशा देगा। यह कदम प्रारंभिक शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने और प्रशिक्षित शिक्षकों की नई पीढ़ी तैयार करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
यह रहे Primary Teacher NTT Course (डिप्लोमा इन प्री-स्कूल एजुकेशन) से संबंधित कुछ सामान्य प्रश्न (FAQ) जो पाठकों के लिए उपयोगी होंगे 👇
Primary Teacher NTT Course FAQ
1. NTT कोर्स क्या होता है?
उत्तर: NTT यानी Nursery Teacher Training एक प्रोफेशनल टीचर ट्रेनिंग कोर्स है, जो नर्सरी, किंडरगार्टन और प्री-प्राइमरी स्तर के बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों को तैयार करता है। इसका नया नाम डिप्लोमा इन प्री-स्कूल एजुकेशन (DPSE) रखा गया है।
2. NTT कोर्स की अवधि कितनी होती है?
उत्तर: यह कोर्स 2 वर्ष (दो वर्षीय) अवधि का होता है, जिसके दौरान विद्यार्थियों को बच्चों की शिक्षा, मनोविज्ञान और शिक्षण तकनीकों की जानकारी दी जाती है।
3. NTT कोर्स करने के बाद क्या बीएड करना जरूरी है?
उत्तर: नहीं, इस कोर्स के पूरा होने के बाद शिक्षक बनने के लिए बीएड करने की आवश्यकता नहीं होती है। NTT डिप्लोमा धारक सीधे प्राइमरी या प्री-प्राइमरी स्कूल में पढ़ाने के पात्र होते हैं।
4. NTT कोर्स के लिए योग्यता क्या है?
उत्तर: उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं कक्षा में न्यूनतम 50% अंक के साथ उत्तीर्ण होना चाहिए। साथ ही, आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
5. NTT कोर्स कहां से किया जा सकता है?
उत्तर: राज्य सरकार ने 34 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (DIETs) में इस कोर्स को शुरू करने की मंजूरी दी है। इसके अलावा मान्यता प्राप्त निजी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों से भी यह कोर्स किया जा सकता है।
6. NTT कोर्स दोबारा क्यों शुरू किया गया?
उत्तर: राज्य में अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों और पीएम श्री विद्यालयों में प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए यह कोर्स लगभग 15 साल बाद दोबारा शुरू किया गया है।
7. NTT कोर्स के अंतर्गत क्या पढ़ाया जाता है?
उत्तर: इसमें बाल विकास, शिक्षण के सिद्धांत, भाषा और साक्षरता विकास, गणितीय अवधारणाएं, स्वास्थ्य और स्वच्छता, पर्यावरण अध्ययन, बाल मनोविज्ञान और शिक्षण तकनीक जैसे विषय शामिल हैं।
8. क्या NTT कोर्स के बाद सरकारी नौकरी मिल सकती है?
उत्तर: हां, राज्य सरकार द्वारा आने वाली थर्ड ग्रेड टीचर भर्ती में NTT कोर्स धारक उम्मीदवार प्राथमिक और पूर्व-प्राथमिक शिक्षक के पदों के लिए आवेदन कर सकेंगे।
9. NTT कोर्स का नया नाम क्या रखा गया है?
उत्तर: अब इस कोर्स का नया नाम Diploma in Pre-School Education (DPSE) कर दिया गया है।
10. NTT कोर्स का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: इस कोर्स का मुख्य उद्देश्य ऐसे प्रशिक्षित और संवेदनशील शिक्षक तैयार करना है, जो छोटे बच्चों की मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक जरूरतों को समझकर उन्हें खेल और गतिविधि आधारित तरीके से शिक्षित कर सकें।